
*शक्तिगड़ ग्राम पंचायत भ्रष्टाचार की चरम पर है ग्रामसभा में ग्रामीणों ने सवाल किया सरपंच ने अपना हस्ताक्षर करने से भी किया इनकार
बैतूल। घोड़ाडोंगरी के चोपना क्षेत्र के ग्राम पंचायत शक्तिगड़ का मामला है जहां पर आय दिन भ्रष्टाचार की खबर मिलती आ रही है इसी कड़ी में ग्राम पंचायत शक्तिगड़ के सभी ग्रामों में पंचायत सरपंच व उनके सहयोगियों के द्वारा फ़र्जी बिल लगाकर पैसे निकाल जा रहे हैं व आज दिनांक 18/08/25 दिन सोमवार को प्रातः 11 बजे ग्राम पहाडपुर में ग्रामसभा की बैठक का आयोजन किया गया जिसमें पंचायत के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक,उपसरपंच तथा ग्राम के चारों पंचगण उपस्थित हुए व ग्रामीणों ने रोजगार सहायक से शासन के योजनाओं के बारे में जानकारी ली जिसके पश्चात रोजगार सहायक तपन दास द्वारा ग्रामीणों को शासन की योजनाओं की जानकारी दी गई तथा उसके पश्चात ग्रामीणों ने सचिव बस्तीराम बारस्कर से पंचायत में हुए विकास कार्यों की जानकारी मांगी तत्पश्चात श्री बारस्कर द्वारा जानकारी दी गई जिसके पश्चात ग्रामीणों ने सरपंच श्रीमती कमला मर्सकोले मंडल से पूछा गया कि ग्राम पंचायत में जो विकास कार्य की गई है उसकी जानकारी दीजिये जिसके पश्चात श्रीमती कमला सरपंच जी द्वारा कहा गया कि ऑनलाइन चेक कर लीजिए हमसे क्यों पूछ रहे जिसके पश्चात ग्रामीणों ने उचि स्वर में आकर कहा कि ग्रामसभा इसीलिए बुलाई गई है ताकि हमें भी ज्ञात हो कि कहां क्या काम हुआ है तब सरपंच महोदया द्वारा कहा गया कि अगर देखना चाहते हैं तो आइए पंचायत भवन वहीं बात होगी क्योंकि हम यहां रजिस्टर लेकर नहीं आये जिसके पश्चात ग्रामीणों ने सरपंच महोदया से सवाल किए कि जब हमारे गांव पहाडपुर में किसी भी प्रकार कि समस्या है व किसी भी प्रकार का तालाब निर्माण करवाना हो तो आपको ग्रामीणों से राय लेनी चाहिए कि नहीं तब सरपंच पति द्वारा जवाब दिया गया कि कहां क्या काम हो रहा है इसकी जानकारी सबको है लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि किसी से भी सहमति नहीं ली गई थी व स्टाफ़ डेम ऐसी जगह बनी हुई है जहां से किसी भी किसान को किसी भी प्रकार से लाभ नहीं मिल पायेगा क्योंकि जिस स्थान पर स्टाफ़ डेम बनी हुई है उस जगह पर किसी का खेत है ही नहीं जिससे यह साबित हुआ कि पंचायत में फ़र्जी तरीके से बिल लगाकर जनता के पैसों का दुरुपयोग किया गया है और कुछ पंचो का भी कहना है कि हमारी सहमति तक नहीं ली जाती है और न ही किसी प्रकार की सामान्य बैठक की जाती है सूत्रों के अनुसार पता चला है कि ग्राम पंचायत के अंदर कुछ ऐसे लोगों को काम करवाने का ठेका दिया जा रहा है जो कि गांव में बहुत ही कम रहते हैं व पंचायत में किसी भी प्रकार के सदस्य नहीं हैं ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच पति की मनमानी अब नहीं चलेगी पैसे लेकर किसी को भी ठेका देना ये पूरी तरह से ग़लत है ऐसी परिस्थितियों में देखा जा रहा है कि जनता का पैसा फ़िज़ूल ख़र्च किया जा रहा है ग्रामीणों के कहे अनुसार ग्राम पहाडपुर में 1,नाला निर्माण 2, स्टाफ़ डेम का निर्माण अवैध तरीके से बनाया गया है जिसकी जानकारी सचिव बस्तीराम बारस्कर द्वारा ग्रामसभा को दी गई कि हाँ पंचायत स्वीकार करता है कि ये जो 3 निर्माण कार्य कराए गए हैं वे पूरी तरह से अवैध माना जायेगा परन्तु सरपंच पति इस कृत्य को मानने को तैयार नहीं है उनका कहना है कि काम कैसे भी कराया गया है काम तो काम ही है सभी लोगों की बात पूरी होने के बाद सभी ग्रामीणों से रजिस्टर में अपना हस्ताक्षर किए सभी पंचो ने अपना हस्ताक्षर किया रोजगार सहायक ने अपना हस्ताक्षर किए सचिव ने अपना सील सहित हस्ताक्षर किए परंतु सरपंच पति के दबाव में आकर सरपंच ने अपना हस्ताक्षर नहीं किया उन्होंने कहा कि जिसको लाभ मिला है उससे जाकर पूछो की काम सही हुआ है कि नहीं लेकिन काम ऐसी जगह पर हुआ है जहां से किसी को लाभ नहीं मिल पा रहा है ग्रामीणों के सारे सवालों पर सरपंच मौन रही व सरपंच पति ने बार बार मुद्दे से लोगों को भटकाने का काम किया व सवाल का कोई जवाब नहीं दिया गया जब ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर सवाल पूछना शुरू किया तब सरपंच पति ने सरपंच को लेकर सभा स्थल से चले गए व किसी भी प्रकार से न हस्ताक्षर किए व न किसी भी प्रकार के सवाल का जवाब दिए उनका कहना है कि हमने जिसको ठेका दिया है वह गांव का ही व्यक्ति है जिसे सुनकर ग्रामीणों ने कहा कि हमारा मनरेगा के पैसे फँसे हुए हैं मस्टरोल नहीं डली है उसका कुछ समाधान करो तब भी सरपंच पति ने कहा कि इसकी जानकारी मुझे नहीं है फ़िर से मुद्दे से भटका दिए अब ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे व्यक्ति पर तत्काल कार्यवाही की जानी चाहिए नहीं तो ये अभी पहाडपुर सहित पूरे पंचायत को भ्रष्टाचार कर अंधेरे में धकेलने का काम करेंगे